नेशनल लोक अदालत में रुपए एक करोड़ 98 लाख 45 हजार 883 राशि के 934 प्रकरणों का हुआ निराकरण, 1147 लोग हुए लाभांवित
 
जिला न्यायालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत आयोजित
 


जिले मे आयोजित नेशनल लोक अदालत में रुपए एक करोड़ 98 लाख 45 हजार 883 राशि के 934 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमे 1147 लोग लाभांवित हुए। वर्ष 2020 की प्रथम नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायालय सहित जिले की सभी तहसीलों में किया गया। जिला न्यायालय में जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार सरैया ने नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सचिव विधिक सेवा प्रधिकरण श्री भूपेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला तथा बार एसोशिएशन के अध्यक्ष श्री विमल कुमार जैन उपस्थित थे।



    नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार सरैया ने कहा कि लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को त्वरित एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराना है। लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य आपसी समझौते के आधार पर विवादों का निराकरण किया जाता है। आपसी समझौते के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने से दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत राजीनामा योग्य लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण का बेहतर माध्यम हैं।
    नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण होने से दोनों पक्षकारों के मध्य सद्भावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि लोगों में भी लोक अदालतों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। जिस कारण वे अपने लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए लोक अदालत को बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। जिले में आयोजित नेशलन लोक अदालत में (प्रीलिटिगेशन) के कुल 10200 प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे गये थे। जिसमें 833 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें 4936365 रूपये के अवार्ड पारित किये गये। जिसमें 923 लोग लाभांवित हुए। इसके अलावा 862 विभिन्न प्रकरण नेशनल लोग अदालत में रखे गये थे। जिसमें 14909518 राशि के प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 224 लोग लाभांवित हुए।


इन प्रकरणों का किया गया निराकरण

     जिला न्यायालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में आयोजित की जा रही नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकबरी संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी.(मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, विद्युत एवं जलकर एवं बिल संबंधी प्रकरण (चोरी के मामलों को छोड़कर), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में लंबित), दीवानी मामले तथा बैंक रिकवरी, 138 एनआईएक्ट, जलकर, एवं विद्युत संबंधी पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) आदि राजीनामा योग्य प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण किया गया है।